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लेखनी प्रतियोगिता -27-Jun-2023


तेरा मेरा साथ
स्वर्ग की परछाई सा
तेरा मेरा साथ
मिलन और तन्हाई सा

तू धरती मैं बादल सा
तू रानी मैं पागल सा
तू सागर की रत्न सुधा
मैं हिमवान हिमाचल सा
तू सिंदूरी सी सुर्ख सुबह
मैं स्तब्ध अस्ताचल सा
तेरा मेरा मिल जाना भी
रात संग रोशनाई सा।

तेरी एक झलक पाने को
सूरज रोज निकलता हैं
तेरी बातें तारों के संग
करते चांद टहलता है
तुम्हे देख आवारा मौसम
कितने रंग बदलता है
सबसे तुम्हे छुपा ले आऊं
मेरा हृदय मचलता है
यूं सम्बन्ध तुम्हारा मेरा
बदन और परछाई सा।

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4 Comments

Abhinav ji

28-Jun-2023 08:16 AM

Very nice 👍

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Punam verma

28-Jun-2023 08:03 AM

Very nice

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बहुत ही सुंदर

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